क्या मोदीजी को G 7 में जाना चाहिये?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने G 7 के शिखर सम्मेलन में भारत के वडाप्रध नरेंद्र मोदीजी को आमंत्रित किया है।
G 7 कया है ?
G 7 दुनिया के 7 सबसे शक्तिशाली देशों का एक संगठन है । 1975 की आर्थिक कटौती के बाद दुनिया के 6 बड़ी महासत्ताओने एकजुट होने का प्रयास किया। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली और जापान का समावेश होता है। एक साल बाद इनमें कनाडा का भी समावेश हो गया और बन गया G 7 समूह।
सोवियत संघ के पतन के बाद सन 1998 में रशिया भी G 7 में शामिल हो गया और बन गया G 8 । लेकिन 2014 के क्रिमिया संकट के बाद रशिया की हकालपट्टी हो जने से फिर यह संगठन G 7 बन गया।
G 7 के लिए मोदीजी को क्यों आमंत्रित किया गया?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा G 7 के लिए भारत के वडाप्रध नरेंद्र मोदीजी को आमंत्रित किया गया है। ये बात आंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदीजी और भारत के बढ़ते हुए कद का प्रतीक है। इनके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा G 7 के लिए भारत के वडाप्रध नरेंद्र मोदीजी को आमंत्रित करने के कइ कारण है :
मोदी – ट्रम्प मित्रता :
आज-कल नरेंद्र मोदीजी और डोनाल्ड ट्रम्प की मित्रता बढती जा रही हैं।
एक दिन था जब अमेरिका ने मोदीजी को विजा देने से साफ मना कर दिया था, उसी अमेरिका आज ” हाउडी मोदी “ से मोदीजी का शानदार स्वागत करता है। और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी भारत की यात्रा पर आ गए।
डोनाल्ड ट्रम्प मोदीजी की प्रशंसा भी बार बार करते हैं।
मोदीजी का बढता हुआ आंतरराष्ट्रीय कद:
मोदीजी की आगवी सुज और कार्यशैली के कारण आंतरराष्ट्रीय मामले में आज भारत का ओर महत्व बढ़ गया है। भारत का बढता हुआ कद, जनसंख्या और ताकत के कारण भारत का आंतरराष्ट्रीय महत्व बढ़ता जा रहा है।
कोरोना महामारी का अनुभव :
कोरोना जैसी महामारी के समय में अमेरिका को भारत का सहकार मिलना आवश्यक है। भारत इस महामारी में भी अपने नागरिकों के साथ साथ विश्व🌏 के सभी देशों में मेडिकल किट, दवाईयां आदि पुरी पाडता है।
मोदीजी के कार्यकाल में भारत उभरती हुइ एक वैश्विक महासत्ता :
वडाप्रध नरेंद्र मोदीजी के कार्यकाल में विश्वभर में भारत की शान और विश्वसनीयता बढती जा रहीं हैं। थोडे़ कुछ सालों में भारत का दबदबा बढता जाता है और भारत एक वैश्विक ताकत बनकर उभरता जा रहा है। वडाप्रध नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में भारत ऐक के बाद एक व्युहात्मक सफलता प्राप्त करता जा रहा है।
महत्वाकांक्षी चीन को एशिया में भारत की जडबेसलाक टक्कर :
वर्तमान समय में चीन दुनिया भर में तेजी से अपना पग पसारा करता जा रहा है। जिसके कारण अमेरिका के सुपर पावर बने रहने में जोखिम आता जा रहा है एशिया के देशों में चीन द्वारा किया जा रहा पग पसारा अमेरिका के लिए चिरर्दद बन गया है।
इसलिए एशिया में चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका को भारत के सहकार की आवश्यकता है
चीन समुद्र, हिन्द महासागर और पेसिफिक महासागर में चीन के बढते हुए कदम को रोकने के लिए एशिया में भारत का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
भारत चीन की विस्तारवादी नीति का विरोध कर रहा है। इससे दुनिया में ऐसा चित्र प्रस्तुत हुआ कि एशिया में चीन को पडकर फैकने के लिए केवल भारत ही समर्थ है। इसलिए चीन की दादागिरी का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए अमेरिका, वियतनाम, इन्डोनेशियाई, सिंगापुर और औस्ट्रेलिया जैसे देश भारत को एक मजबूत साथी के रूप में मानते हैं।
आंतरराष्टीय स्तर पर वैश्विक नैतृत्व की बढ़ती हुई भुमिका :
भारत ने कुछ सालों में आंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक बार अपना महत्व साबित कर दिखाया है।
मानवता वाद, पर्यावरणीय संरक्षण, वसुधैव कुटुबंकम् जैसे कइ क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर अपना नैतृत्व कर रहा है।
ऐसे उदारमतवादी भारत को जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा G 7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रण मिला है तो भारत के लिए वडाप्रध नरेंद्र मोदीजी को डोनाल्ड ट्रंप का आमंत्रण स्विकार कर लेना चाहिए और G 7 के शिखर सम्मेलन में अवश्य भाग लेना चाहिए।